लम्हें
लम्हें
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वो लम्हें जो मेरी ज़िंदगी के अनमोल पल बन गये,
वो लम्हें जो मेरे गुज़रे हुये कल बन गये,
काश इन लम्हों को मैं फिर से जी पाती,
वो लम्हें जो मेरी नम आँखो के जल बन
इस सफ़र की शुरुआत हमने साथ की थी,
जान से प्यारे यारों के साथ कितनी सारी बात की थी,
ज़िंदगी के उन पलों को भी हमने साथ जिया था,
जिन पलों ने खुशी और गम दोनो से मुलाकात की थी.
वो लम्हें जो अब लौट के नहीं आ सकते,
वो लम्हें जहाँ हम चाह के भी नहीं जा सकते।