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Neeraj pal

Inspirational

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Neeraj pal

Inspirational

गज़ल।

गज़ल।

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वो खुद ही जान जाएंगे बुलंदी आसमानों की

परिंदों को नहीं तालीम दी जाती उड़ानों की


जब तक धरतीपर कायम रहेगी जाति- मानवता की 

ना होंगे झगड़े- फसाद, सिर्फ बातें होंगी इंसानियत की


वो दिन भी याद रहेंगे, सूर्य की तपन में बिताए उन लम्हों की

मगर हर इंसान तप कर ही,

मिशाल बन सकता है उभरते सितारों की


चांद की चांदनी भी अमानत है किसी और की

हम तो सिर्फ बात करते हैं, अपने ही संजोय अरमानों की।


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