स्वरचित:: मुझे आसमां छूने दो
स्वरचित:: मुझे आसमां छूने दो
मुझे आसमां छूने दो
मेरे अरमानों को उड़ने दो
मैं कोई पक्षी नही
जो मेरे पर कतर दो
मुझे आसमां छूने दो।
तुम्हारी तरह मेरे अंदर भी
मेरा मन मेरी आत्मा है
मेरी सांसें चलती है
मुझसे कुछ कहती है
मुझे आसमां छूने दो।
तुम्हारा कोई हक नहीं बनता
मुझे जन्म से पहले ही मार दो
बंधनों के नाम पर
मुझे बेड़ियों में बांध दो
मुझे आसमां छूने दो।
तुम भी इस जग मे आए हो
मैं भी इस जग मे आई हूं
तुम अपने काम करो
मुझे मेरे काम करने दो
मुझे आसमां छूने दो।
मैं सागर का वो किनारा हूं
जिसका कोई अंत नहीं है
मेरे बिना तुम भी अधूरे
तुम्हारे बिना मैं भी अधूरी
मुझे आसमां छूने दो।