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Deepika Kumari

Inspirational

4.0  

Deepika Kumari

Inspirational

जीत जाएंगे हम

जीत जाएंगे हम

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फैला अंधेरा चारों ओर

है हमें डरा रहा,

रास्ता नहीं मुकाम का

है कोई दिख रहा।


आफ़तें अनेक आन है

पड़ी ज़मीन पर,

घेर कर मनुष्य को

भय मौत का दिखा रहा।


भूख है गरीबी है

ऊपर से महामारी का डर,

आतंक और तूफान से

देश है घबरा रहा।


एक नहीं संकट अनेक

एक साथ आ खड़े,

लेने परीक्षा हौसलों की

द्वार है बजा रहे।


हौसले बुलंद कर

रात दिन संघर्ष कर,

कर मदद एक दूसरे की

गरीबों की दूर भूख कर।


हम लड़ेंगे और जिएंगे

जिंदगी फिर से सुखी,

हो जाए विपत्ति

कितनी भी बड़ी आकर खड़ी।


जीत जाएंगे हम

है यकीन एक दिन,

रात काली है तो क्या

होगी सुबह एक दिन।


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