तोड़ दो जंजीर
तोड़ दो जंजीर
तोड़ दो जंजीर
बाधाओं वाली,
मुक्त करो
चिंतन से
खुद को,
अंधकार से
दूर हटो,
हुआ सवेरा
नया जग में
अब खुद को तुम मुक्त करो !!
रात घनघोर बीत चुकी
अब प्रकाश में आ जाओ...
राहे तकती तुमको अनजानी
खोज सृजन का चाहती है..
डरो मत,
बस भीड़ से हटो,
चाहते हो
अगर मंजिल पाना
सकारात्मक बनो,
आगे बढ़ो..
खुद से खुद के
पथ चुनो!