परिवर्तन संसार का ,नियम
परिवर्तन संसार का ,नियम
परिवर्तन संसार का ,नियम
फिर क्यों हो रहे ,बैचेन
यह भी अटल ,सत्य
हम अजर ,अमर हैं
हर कण दे रहे ,सन्देश
फिर हो जाओ ,तैयार
गलतियों हुईं उनको ,छोड़ो
शक्ति का पुनः ,संग्रह करो
उन कमजोरियों पर, वार करो
अपना पुनः ,निर्माण करो
जनकल्याण हो, सर्वोपरि
फिर शक्तियां देती, साथ
बिना शक्ति सब, व्यर्थ
निरन्तर प्रयास ,करो
जब तक सांस,आस है
आस से ही, सांस है
विनम्र ता उम्र, रहो
हर समय,हर क्षण रहो
साहस से श्रंगार ,करो
धरा का यों मान ,करो
परिवर्तन संसार का ,नियम
इसको अंगीकार, करो।