स्वर कोकिला-लता मंगेशकर
स्वर कोकिला-लता मंगेशकर
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सादगी की जो मिसाल थी
सरलता की जो पहचान थी
स्वरों की लय से परिपूर्ण
संगीत की देवी दीदी लता थी
पिता की जो राजदुलारी थी
दुनिया में जो सबसे न्यारी थी
स्वरों की लय से परिपूर्ण
संगीत की देवी दीदी लता थी
माँ सरस्वती का जो रूप थी
आत्मा जिसकी पवित्र थी
स्वरों की लय से परिपूर्ण
संगीत की देवी दीदी लता थी
सबके लिये जो खास थी
मधुर जिसकी आवाज थी
स्वरों की लय से परिपूर्ण
संगीत की देवी दीदी लता थी।