स्वप्न करो साकार
स्वप्न करो साकार
कंगन किसी मर्यादा के तुमसे टूट कहीं ना जाए
पगडण्डी नुमा मार्ग पर तेरे कदम ना डगमगाए
उम्मीद लगाए बैठा तुझ पर खुद वो ऊपर वाला
उस परम श्रेष्ठ लक्ष्य को केवल तू ही पाने वाला
अनहोनी घटना देखकर कभी हैरत में ना आना
खुद को किसी बात के पीछे बच्चों ना बहकाना
होंगे खेल आश्चर्य भरे इस बेहद ड्रामा के अन्दर
साक्षी होकर देखते रहो तो लगेगा तुमको सुन्दर
अपने मन को किसी कारण कमजोर ना बनाना
धारण की हुई शिक्षाओं को बिल्कुल ना गंवाना
परमात्मा की श्रीमत से करो खुद का श्रेष्ठ श्रंगार
सुखमय विश्व निर्माण का तुम स्वप्न करो साकार।