सवेरा
सवेरा
दिन तो गुजरा
कैसे कटेगी
ये घनी रात अंधेरी
तुम बीन हर पल
है अधूरा सा
हर बात है सनम
अधूरी अधूरी
चले आओ
लेकर खुशियॉं तुम मेरी
देखेंगे सुनहरे सपने
कर लेंगे बात पुरी
ये जमाना
है ये दुश्मन तुम्हारा मेरा
चलो कहीं दूर चलेंगे
ढूॅंढ लेंगे नया सवेरा