STORYMIRROR

Suresh Kulkarni

Romance

3  

Suresh Kulkarni

Romance

सवेरा

सवेरा

1 min
229

दिन तो गुजरा

कैसे कटेगी 

ये घनी रात अंधेरी


तुम बीन हर पल 

है अधूरा सा

हर बात है सनम 

अधूरी अधूरी


चले आओ 

लेकर खुशियॉं तुम मेरी

देखेंगे सुनहरे सपने 

कर लेंगे बात पुरी


ये जमाना 

है ये दुश्मन तुम्हारा मेरा

चलो कहीं दूर चलेंगे 

ढूॅंढ लेंगे नया सवेरा



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance