STORYMIRROR

Geeta Joshi

Abstract Inspirational

4  

Geeta Joshi

Abstract Inspirational

स्वच्छ पर्यावरण

स्वच्छ पर्यावरण

1 min
336

प्रकृति का है रूप मनोहर

कहीं नग तो कहीं शांत सरोवर

रंग- बिरंगे फूल खिले हैं

लगता है ज्यों गले मिले हैं

हरियाली का जब हरित आवरण

तब होता स्वच्छ पर्यावरण.. 

आकर्षक जब पक्षी सारे

नभ में विचरण करते जाते

सार्थक उड़ान भर लो हरदम

संदेश सबको देते जाते

इनका जब होगा संरक्षण

तब होता है स्वच्छ पर्यावरण

छोटे- बड़े जीव- जंतु जब 

करते रहते अपना काम

मुग्ध होती सभी दिशाएँ

रंग भरी होती है शाम

सबका होता जब संवर्धन

तब होता है स्वच्छ पर्यावरण


भांति- भांति के विटप हमारे

हम हैं भिक्षुक ये हैं दानी

देते रहते हमें निरंतर

धड़कन, आश्रय, दाना- पानी

इनसे होता भव्य वातावरण

तब होता है स्वच्छ पर्यावरण.. 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract