आ गया वासंती मेला
आ गया वासंती मेला
आ गया वासंती मेला
शीत- चिंता का गया झमेला
मधुमास यह बड़ा निराला
धरा को नवरंग देने वाला
वाह! पवन क्या खूब बह रही
डाल- डाल कोपलें फूट रहीं
ऋतुराज है बड़ा अलबेला
आ गया वासंती मेला.,
पंछी मीठी तान सुनाते
तितली, भौंरे गा- मुस्काते
रंग धरा के सबको लुभाते
बच्चों के मन को हैं भाते
घर, वन, उपवन गीतों का मेला
कोयल ने इसमें रस- घोला
डाल- डाल लगे हिंडोला
आ गया वासंती मेला.......
मुस्काते बच्चों की टोली
वसंतपंचमी और फिर होली
लगती धरा ज्यों दुल्हन हो
गाते सब जन मस्त- मगन हो
सबको लगे वसंत अति प्यारा
प्रकृति का भी अनुपम नजारा
लगा हुआ खुशियों का रेला
आ गया वासंती मेला...
