स्वामी जी शत- शत अभिनंदन
स्वामी जी शत- शत अभिनंदन
कलकत्ता की सिमूलिया पल्ली में
बारह जनवरी को हुआ था जन्म
नरकुल के इंद्र नरेंद्र नाथ
प्रतिभाशाली स्वामी विवेकानंद
मात- पिता की अमिट छाप थी
भारत- भू को जिसकी आस थी
जीवन- भर वह कर दिखलाया
वेदांत आदर्श जग को सिखलाया
जिनके बल पर देश जगा
नवजागे शिक्षा के स्पंदन
आज आपकी जयंती पर
है जगद्गुरु शत-शत वंदन
अत्यल्प जीवन की समयावधि में
कर्म महान, विशिष्ट आप कर गए
कर्मठ, स्वतंत्र- विचारक आप
वसुधा को धन्य कर गए
जीवन सदैव आदर्श रहेगा
कर्म रहेंगे प्रेरणास्रोत
आजादी के स्वप्नदृष्टा
भारत के अग्रदूत!
सामंजस्य, शांति की आपने
वीर- साधक बन अलख जगाई थी
पूरे देश में घूम- घूम
समता, शिक्षा की तलब लगाई थी.
कर्मयोगी, ज्ञान पुंज..
भारत के नव- निर्माता वंदन.
युवा वर्ग के भाग्य- विधाता.
स्वामी जी शत-शत अभिनंदन।