स्वार्थ-अहम् भाव त्याग सरल बनो
स्वार्थ-अहम् भाव त्याग सरल बनो
रहे जीवन में सदा खुशहाली,
सभी ग़म ही तो द्रुतगति भागें।
समाहित करें जीवन में सरलता,
स्वार्थ और अहम् के भाव त्यागें।
सरलता तो हमें सबसे ही जोड़ती है,
सत्संग-सन्मार्ग की तरफ मोड़ती है।
मिले आपका प्यार ही हर किसी को,
सब ही प्रभु से आपका साथ मांगें।
समाहित करें जीवन में सरलता,
स्वार्थ और अहम् के भाव त्यागें।
सरलता हमें दोषरहित है बनाती,
जीवन की जटिलता से है बचाती।
करे दूर मुश्किल सकल ही जगत की,
सदा सुख से सोएं सदा सुख से जागें।
समाहित करें जीवन में सरलता,
स्वार्थ और अहम् के भाव त्यागें।
स्वार्थ भावना जटिल जीवन बनाती,
जटिलता सरलता से है दूर ले जाती।
लाख कोशिशें स्वार्थ छिपाने की कर लें,
प्रकट होने पर आपसे सब लोग भागें।
समाहित करें जीवन में सरलता,
स्वार्थ और अहम् के भाव त्यागें।
अहम् की भावना स्वार्थी हमें है बनाती,
सरलता से दूर जटिलता तक ले जाती।
रखना स्वार्थ और अहम् से दूर हमको,
तुम से प्रभु हम सब यह वरदान मांगें।
समाहित करें जीवन में सरलता,
स्वार्थ और अहम् के भाव त्यागें।