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सूनी राहों से न घबरा

सूनी राहों से न घबरा

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वक़्त की बेरहमी पे मत रो

यह लम्हा तो बुलबुला है

पलक झपकते ही मिट जाएगा

सूनी राहों से न घबरा

कारवाँ अभी गुज़रता जाएगा


हर रात लाती है दिन

मत बैठ यूँ तू बेमन

ज़िंदगी की हसरतें,

होंगी भी तेरी पूरी

मत सोच ग़र तन्हा

है आरज़ू तेरी

तेरी भी उस आरज़ू को

रास्ता मिल जाएगा

सूनी राहों से न घबरा

कारवाँ अभी गुज़रता जाएगा


खु़दा की फ़ितरत पर न

हो यूँ तू ख़फ़ा

ख़ुशी है उसमें भी तेरी

ले ज़िंदगी का मज़ा

कशमकश के भँवर में

यूँ तंगदिल न बन

मायूस होके न यूँ

तू भटक दरबदर

हालात से तेरे वो

न है बेख़बर

तेरी कशमकश को भी

मुक़ाम मिल जाएगा

सूनी राहों से न घबरा

कारवाँ अभी गुज़रता जाएगा


इक तन्हा नहीं है तू

इस वक़्त के सफ़र में

पड़ता है वार वक़्त का

हर एक के जिगर में

फ़लक पर ज़िंदगी के

मिट जाएँगे निशां उसके

जब दुलार ज़िंदगी का

तुम्हें भी मिलता जाएगा

तेरे इस रास्ते का

यह पत्थर भी हट जाएगा

सूनी राहों से न घबरा

कारवाँ अभी गुज़रता जाएगा



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