सुशांत भला ऐसे भी कोई जाता है
सुशांत भला ऐसे भी कोई जाता है
गिराने को तो कई लोग बैठे हैं,
खुद पे हो विश्वास तो,
भला ऐसे भी कोई गिरा पाता है
मैं ढूंढूं तुझे चारों ओर
भला ऐसे भी कोई मुँह छुपाता है !
ज़रा हमारी भी कदर कर ली होती,
सुशांत भला ऐसे भी कोई जाता हे !