Rajit ram Ranjan

Abstract

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Rajit ram Ranjan

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सुसाइड नोट... !

सुसाइड नोट... !

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जो लोग आत्महत्या 

करते हैं, 

उन्हें हम लोग 

और ये अपना 

समाज कायर 

कहता हैं, 

क्या ये सच हैं, 

आपके मन 

में कभी 

सुसाइड करने का 

विचार नहीं 

आया, 

आया होगा.... 

याद करिये, 

शायद याद आ जाये.... 

मैं सुसाइड के पछ 

में नहीं हू, 

उसका समर्थन भी 

नहीं करता हू, 

जब हालात 

बद से बदतर हो 

जाता हैं, 

तो अक्सर दिमाग़ में 

सुसाइड का ही 

ख्याल आता हैं, 

मेरे भी दिमाग़ में 

आज आया, 

मैं कमजोर नहीं हूँ

ऐसा भी नहीं 

कि मुझे 

जीना नहीं हैं, 

मन में विचार 

उठा, 

मैंने बयां कर 

दिया, 

लोग ऐसे विचार 

अक्सर छुपा 

लेते हैं, 

मैंने अपने आपकी सुनी, 

क्योंकि मुझे 

अपने आपको 

धोखा देने नहीं 

आता, 

और बया कर 

दिया, 

मुझे मालूम हैं कि 

ज़िन्दगी खूबसूरत हैं, 

और ज़िन्दगी से 

मुझे मोहब्बत 

भी हैं, 

मैंने भी अपनी 

23साल कि उम्र में 

ना जाने कितने 

लोगों को, 

ज़िन्दगी जीने कि 

सलाह दिया 

होगा, 

मगर आज ज़ब मैं 

एकदम से 

डिस्टर्ब हो गया, 

कुछ छड़ के लिए तो 

ज़िन्दगी तुच्छ 

सी लगने 

लगी, 

थोड़े समय के लिए मैं 

एकदम परेशान, 

हैरान सा हो गया 

था, 

मेरे दिमाग़ से 

ये ख्याल 

ही नहीं 

हट रहा था !

फिर मुझे अचानक 

ऐसा लगा 

और मैंने सोचा 

तो पता चला कि 

कुछ ऐसे ही हालात 

होते होंगे, 

जो लोग मरने 

कि सोचते हैं !



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