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Vandana Basava

Drama

4  

Vandana Basava

Drama

सुन रहा है भगवान

सुन रहा है भगवान

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 तेरी मर्जी के बिना ,हिलता नही है पत्ता

 कई बार सुना था मगर नहीं था पता

जब इंसानों से हुई खता उसमें नहीं थी तेरी रज़ा।


 अब यह किसे पता ,किस का था गुना किसको मिली सजा

 मेरे बस में होता ,तो तुझे मैं सब बता देता

 रोज होती है बेईमानीया,,फिर भी सब करते हैं अनसुना

 जब तेरी मर्जी के बिना हो रहा इतना गुना।


 फिर तू ने शुरू किया सजाओ का सिलसिला

 सामने से फिजा आई और कई जिंदगी उजाड़ गई।

 तो कभी आई सुनामी कई जाने ले गई।

कभी लगी जंगलों में भीषण आग और सारे

जानवर जलकर हुए खाक।


जंगलों में तो पानी पहुंचा नहीं और कहीं बाढ़ में तबाही मचा दी

कुदरत की इतनी चेतावनी पर कहां सुधरा इंसान।

जब सारी इंसानियत की हदें पार कर दी इंसान ने 

तब आयी है यह मौत की  सजा कोरोना के रूप में।


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