सुखी जीवन का सपना
सुखी जीवन का सपना
करते हैं तुझे ईशारा, तेरे बिगड़े हुए हालात
नहीं रूठना किसी से, तू करना सबसे बात
जरा सी बात पर, रिश्तों की मिठास न जाए
नफरत और कड़वाहट, व्यवहार में ना आए
नफरत पालकर तूँ, खुद ही दुखी हो जायेगा
ईर्ष्या की अग्नि में, प्रति पल जलता जायेगा
सुखमय जीवन का राज, समझना होगा तुझे
कुछ भी हो सबको, प्यार ही देना होगा तुझे
शब्द नहीं ये मामूली, त्याग जिसे हम कहते
इसी शब्द में जाने कितने, सुख समाये रहते
अपना आराम त्यागकर, सबको देना है सुख
हर सुख करेगा तभी, तेरी तरफ अपना मुख
आपस की गलत फहमी, दिल से तूँ मिटाना
सबके अवगुण भुलकर, सबको तूँ अपनाना
ख्याल कर अपनों का, समझकर उन्हें अपना
तब ही पूरा होगा तेरे, सुखी जीवन का सपना।
