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Divyanshi Triguna

Inspirational

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Divyanshi Triguna

Inspirational

सुख, दुःख के फेर

सुख, दुःख के फेर

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सुख, दुःख के यहाँ फेर बहुत हैं,

कभी सुख, कभी दुःख आए,

कभी सुख की बारिश होती हैं,

कभी दुःख बादल छाए।


दुःख लाए परख व्यक्ति की, सुख तो मन भटकाएँ,

दुःख मिलवाता हैं अपनों को, सुख सबको भुलवाएँ,

तुम जीवन पथ के राही सब, बस अब चलते जाए,

दुःख में ना रोना कभी तुम, सुख में सब मुस्कुराएँ, 

जब मन हो उदास कभी, तो एक ही नाम दोहराएँ,

बस श्याम, श्याम ही गाए, राम, राम दोहराएँ, 

              या

याद करो उसको मन में, जो तुमसे प्रेम जताए, 

उसका तुम एहसास करो, जो बस तुम से प्रेम कराए,

प्रेम हैं सच्चा, ईश्वर अच्छा, मुझे ये तुमसे मिलाए,

अब बस मैं इतना चाहूँ, तू ही इस मन रह जाए,

किसी और का ना कभी, इस मन में ख्याल आए,

तुझसे प्रेम करूँ इतना, तू ही तन, मन में समाए,


तू ही हर सांस में आए।

सुख, दुःख के यहाँ फेर बहुत हैं,

कभी सुख, कभी दुःख आए,

कभी सुख की बारिश होती हैं,

कभी दुःख बादल छाए।


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