स्त्री वो संगीत है
स्त्री वो संगीत है
स्त्री वो संगीत है
जिसे हर दिल समझ नहीं सकता
जिसका सुर
सुनकर भी कोई मन भांप नहीं सकता
स्त्री वो संगीत है
से हर दिल समझ नहीं सकता
जिसका राग
हर कोई पहचान नहीं सकता
जिसका ताल
हर हालात के साथ ढल सकता है
स्त्री वो संगीत है
जिसे हर दिल समझ नहीं सकता
जिसके लय के साथ कोई चल नहीं सकता
स्त्री वो संगीत है
जिसे हर दिल समझ नहीं सकता।