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Alka Bhatnagar

Others

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Alka Bhatnagar

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दोस्तों की कश्ती में घुमा करते हैं

दोस्तों की कश्ती में घुमा करते हैं

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देते हैं सब कुछ मांग जिसकी हम रखते हैं 

कर देते हैं हर जिद्द वो पूरी अगर जिद्द पर अडा करते हैं 

बदलते वक्त के साथ बदलने की कोशिश वो करते हैं 

समझदार समझ कर जिम्मेदारी दिया करते हैं 

पर हम तो दोस्तों की कश्ती में सवार ही घूमा करते हैं 

साइकिल, स्कूटर, बाइक चाहे हो वो कार

हम चुपके से ही कभी तो निकाला करते हैं 

दोस्तों के साथ चुपके चुपके सीखा भी तो करते हैं 

समझाए चाहे कोई भी

हम कहाँ सुना करते हैं 

हम तो दोस्ती की कश्ती में घुमा करते हैं 

टीचर के बार बार मना करने पर भी 

छिप छिपाकर हम स्कूटर में स्कूल पहुँचा करते हैं 

समाट बनने के चक्कर में हेल्मेट नहीं पहना करते हैं 

गोगल पहन कर तेज म्यूजिक में हम चला करते हैं 

हम तो दोस्ती की कश्ती में घुमा करते हैं 

रेस लगाना, ओवरटेक करना, स्पीड बढाना 

यह तो हम रोज किया करते हैं 

लाइसेंस की फिक्र हम कहाँ किया करते हैं 

हम तो दोस्तों की कश्ती में घुमा करते हैं 

कानून तोड़कर ही तो हम मजा किया करते हैं 

क्या बीतती होगी दिल पर हमारे अपनों के 

जब हम यूं निकलते हैं 

इसकी फिक्र हम कहाँ किया करते हैं 

हम तो दोस्ती की कश्ती में घुमा करते हैं 

मस्ती में हम अपना वक्त जायज किया करते हैं 

नई यादें बनाने को हम लापरवाही भी किया करते हैं 

क्या होगा नतीजा लापरवाही का

हम कहाँ सोचा करते हैं 

हम तो दोस्ती की कश्ती में घुमा करते हैं 

खो देते हैं कभी तो हम अपने अपनों को

दोस्ती के इस अंदाज में 

सहम जाते हैं कुछ पलों के लिए 

फिर से दोस्ती की कश्ती में घुमा करते हैं 

हम बच्चे हैं 

उम्र के हिसाब से ही सोचा करते हैं 

हम तो दोस्ती की कश्ती में घूमा करते हैं।


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