स्थिति परिस्थिति
स्थिति परिस्थिति
स्तिथि व परिस्थिति
अनुकूल या प्रतिकूल
हर क्षण परीक्षा लेते
हमे पल प्रतिपल
सँघर्ष कराते निखारते।
ये जन्म व मृत्यु तक कि बात नहीं
उससे पहले की ,उससे भी,
उसके बाद की भी कहानी है
ये जीवन उत्सव है,
मातम की बात ना कर।
रीति- रिवाज परम्परा भी
जन्म को मृत्यु को,,
भी उत्सव सा मनाते हैं
कहानी आने व जाने की नही है!
अजन्मा जन्मा की भी नही!
ये अनन्त से अनन्त की है,,,
फिर क्यों अधीर रहा हो
उसकी रजा में मजा ले
स्थिति व परिस्थिति हर क्षण
बदलने का नाम है,,
अपनी आंख से देख जरूर
उसको मन से आत्मसात कर
कर वही जो सच्चा हो
तेरे मेरे के फेर कभी ना
पूरे हुवे ना होंगे,,,
याद रख ,ये एक पड़ाव है
ठहराव कहीं और हैं, और हैं,,
अपने जीने का मकसद
ढूंढ, तैयारी पूरी रख
मकसद मंजिल सब
तुझे, मुझे यहीं मिलेगी
जीवन उत्सव है,,,
यों ना उदास बदहवास हो।
दिल दिमाग की इस लड़ाई मैं
चुनने की योग्यता विकसित कर
अधीर ना हो, समय को भी समय दें
जीवन उत्सव है,
उसका आनंद लें।
शिकार व शिकारी होने के खेल में
अपने हिस्से का खेल मनोयोग से खेल
यही आनन्द है,, यही उत्सव है
स्थिति परिस्थिति के जाल को तोड़,छोड़
अपने होने का बेहतर से बेहतरीन होने
का योग बन जा
जीवन उत्सव है,
उसका आनंद ले।