STORYMIRROR

pen_down_original

Romance

5.0  

pen_down_original

Romance

सरहदें दरमियाँ

सरहदें दरमियाँ

1 min
282


ये एक ज़रिया है मेरी तलब का तुम्हारे लिए, 

ये दरिया है चाहत की प्यास को तरसता हुआ।


ये ग़र मिट भी गयी तो कसक मिट जाएगी, 

मेरी इस प्यास की एहमियत घाट जाएगी, 

रहदें ही तो है रहने दो इनको दरमियाँ।


एक मुद्दा है ये हमारी तकरार का, 

एक शोर है ये हमारे पोशीदा से प्यार का।


एक रोज़ ये मिटा दी जाएगी परवाह ना कर, 

जिस रोज़ तेरी क़ब्र सजाई जाएगी मेरी क़ब्र पर

सरहदें ही तो है रहने दो इनको दरमियाँ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance