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Praveen Gola

Romance

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Praveen Gola

Romance

सर्द रातों में अक्सर

सर्द रातों में अक्सर

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सर्द रातों में अक्सर ,गर्म बिस्तर तेरी याद में ,भीगता जाए।

तुझे पाने की ख्वाइश में ,तेरे चेहरे को याद कर ,एक नशा छाए।

हजारों तमन्नायें मचल जातीं ,इस ज़िस्म में तेरी खातिर ,

तू मिलेगा एक दिन ये सोच ,नया सवेरा आये।

कई बार तकिए को चूम ,इस तन से लिपटाया ,

दिल में दबे अरमानों का ,एक जनून आये।

नींद उड़के तेरे पहलू में ,जा ऐसे बैठे ,

जैसे तू साथ में उसके मेरे ,बिस्तर तक आये।

लम्बी रातों की कसक ,दिल को इतना भेदे ,

यादों के दरिया में आँसुओं का ,एक सैलाब आये।

सर्द रातों में अक्सर ,गर्म बिस्तर तेरी याद में ,भीगता जाए।



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