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Umesh Shukla

Tragedy

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Umesh Shukla

Tragedy

सपनों की उड़ान

सपनों की उड़ान

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बरसात पर टिकी है तमाम

लोगों के सपनों की उड़ान

जो वर्षा कम हो तो फीकी

पड़े उन चेहरों की मुस्कान

इंद्रदेव की कृपा हो पाती है

असंख्य लोगों की खेतीबाड़ी

इंंद्रदेव रूठे तो पटरी से उतर

जाती उनके जीवन की गाड़ी

अन्न के अभाव से विकल हो

जाते हैं तमाम कुनबों के लोग

उन्हें व्यर्थ नजर आने लगते हैं

जीवन यापन के सभी प्रयोग

सरकारों को चाहिए कि रखें

सभी किसानों का पूरा ध्यान

आपदकाल में मदद को हाथ

बढ़ाएं सभी तंत्रों के प्रधान

शहरी क्षेत्रों के लिए भी त्रासदी

साबित होती है अब बरसात

नियोजन में हम सबने नहीं किए

जल निकासी के सही इंतजामात

कुछ देर की बारिश से महानगरों

में पैदा होता जलभराव का दृश्य

वजह यही कि जिम्मेदारों ने ठीक

से आंका नहीं शहरों का भविष्य।



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