Jalpa lalani 'Zoya'

Abstract

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Jalpa lalani 'Zoya'

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सपनों की बारात

सपनों की बारात

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पलकों के रथ पे सवार होकर, सपनों की बारात आ गई

सितारों की चुनरी ओढ़कर, रात दुल्हन सी सज गई


चाँदनी से सजा आसमाँ का मंडप, हवा बजाये शहनाई

बाराती बन बादल झूम रहे, खुशियों की बौछार है छाई


आफ़ताब से सेहरा हटाकर, उम्मीद की किरण है आई

सुबह का हुआ स्वागत, रात की हो गई फिर बिदाई।


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