STORYMIRROR

Vivek Madhukar

Abstract Inspirational Others

3  

Vivek Madhukar

Abstract Inspirational Others

सपनों का संसार

सपनों का संसार

1 min
352

भावना कहती है –

    बह जाओ प्रेम की धारा के साथ

    ढीले छोड़ दो हाथ-पाँव-मन और

    डूब जाओ प्रिये के प्रेम-रस में


व्यावहारिकता कहती है –

    किसी के लिए तुम्हारे दिल में चाहत है

    कोई तुम्हारे प्यार में पागल है

    अतः आवश्यक है कि तुम कुछ करो

    काबिल बनाओ अपने-आप को इस हेतु


भावना निष्क्रिय बनाती है

    व्यावहारिकता कर्मठ

और आज की माँग यह है

    कि तुम कर्मशील बनो

ताकि भरण कर सको प्रिये के भार का

  पोषण कर सको निज परिवार का

खड़ा कर सको महल

  उसके सपनों के संसार का


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract