सपनों का संसार
सपनों का संसार
भावना कहती है –
बह जाओ प्रेम की धारा के साथ
ढीले छोड़ दो हाथ-पाँव-मन और
डूब जाओ प्रिये के प्रेम-रस में
व्यावहारिकता कहती है –
किसी के लिए तुम्हारे दिल में चाहत है
कोई तुम्हारे प्यार में पागल है
अतः आवश्यक है कि तुम कुछ करो
काबिल बनाओ अपने-आप को इस हेतु
भावना निष्क्रिय बनाती है
व्यावहारिकता कर्मठ
और आज की माँग यह है
कि तुम कर्मशील बनो
ताकि भरण कर सको प्रिये के भार का
पोषण कर सको निज परिवार का
खड़ा कर सको महल
उसके सपनों के संसार का ।
