Chirag Sanghvi
Drama
: 20px;">
चलो जाने दिया
सफ़र
जी कर रहा है
तुम्हें कोई ए...
कुछ बात अभी ब...
अल्फ़ाज़
तुम
कई अजूबे इस दुनिया में तुम मानो या न मानो। कई अजूबे इस दुनिया में तुम मानो या न मानो।
हर दुख और तकलीफ सह जाए वो इंसा इंसान होता है। हर दुख और तकलीफ सह जाए वो इंसा इंसान होता है।
समझने जमाने के भरे हुए जेबों की गरीबी हाँ मनमस्त फकीर हूँ मैं। समझने जमाने के भरे हुए जेबों की गरीबी हाँ मनमस्त फकीर हूँ मैं।
सभी पराये हो जाते हैं, होती नहीं पराई मम्मी। सभी पराये हो जाते हैं, होती नहीं पराई मम्मी।
दूसरों के समक्ष रोककर कायर नहीं कहला सकते। दूसरों के समक्ष रोककर कायर नहीं कहला सकते।
अब तो जीने दो मुझको भी अपने हिसाब से। अब तो जीने दो मुझको भी अपने हिसाब से।
फिर भी आँसू नहीं गिरते, क्योंकि लड़के रोते नहीं। फिर भी आँसू नहीं गिरते, क्योंकि लड़के रोते नहीं।
जन्मों के संचित पुण्यों से मिलती हैं बेटियां। जन्मों के संचित पुण्यों से मिलती हैं बेटियां।
ज़िंदगी भी एक सर्कस ही तो है ! अब जोकर बनकर भूख मिटाने लगा हूं ! ज़िंदगी भी एक सर्कस ही तो है ! अब जोकर बनकर भूख मिटाने लगा हूं !
आइये उन्हें यह अवसर देने का हम सब ठानते हैं। आइये उन्हें यह अवसर देने का हम सब ठानते हैं।
आशीर्वाद देने वाले दादा जी कुछ भी तो नहीं बचा। आशीर्वाद देने वाले दादा जी कुछ भी तो नहीं बचा।
ये होती परिस्थितियों के हवाले, अगर हो जाएं हार, अधिकतर अवसर नहीं मिलता फिर द्वारा। ये होती परिस्थितियों के हवाले, अगर हो जाएं हार, अधिकतर अवसर नहीं मिलता...
पुरुष होने की ये तो नहीं सजा, बेवक्त आँसुओं को पी जा। पुरुष होने की ये तो नहीं सजा, बेवक्त आँसुओं को पी जा।
पलने वाले रिश्ते को सरेआम मैंने निलाम किया। पलने वाले रिश्ते को सरेआम मैंने निलाम किया।
आने वाले लोगों के लिए सिर्फ यादें रह जाएँगी ! आने वाले लोगों के लिए सिर्फ यादें रह जाएँगी !
फिर भी अपना कर्तव्य निभाते ! डॉक्टर माँ का कोई संडे नहीं होता ! फिर भी अपना कर्तव्य निभाते ! डॉक्टर माँ का कोई संडे नहीं होता !
मित्रों में काल गर्ल है ? क्योंकि जेब फटी है उसकी। मित्रों में काल गर्ल है ? क्योंकि जेब फटी है उसकी।
ज़्यादती हर चीज़ की बुरी ठंड का तीखापन भी सहा जाता है कहाँ। ज़्यादती हर चीज़ की बुरी ठंड का तीखापन भी सहा जाता है कहाँ।
मैंने तो सच इसे मान लिया है तुम इसे मानो या न मानो। मैंने तो सच इसे मान लिया है तुम इसे मानो या न मानो।
सबके समर्पण का ऋण तुम्हें चुकाना होगा दुर्योधन अब तो तुम्हें राज्य अपनाना होगा। सबके समर्पण का ऋण तुम्हें चुकाना होगा दुर्योधन अब तो तुम्हें राज्य...