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Kavita Sharrma

Abstract

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Kavita Sharrma

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सफ़र 2021का

सफ़र 2021का

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यात्रा जिंदगी का हिस्सा है

या जिंदगी ही इक यात्रा है

इक साल नया आता है 

फिर धीरे-धीरे सरक जाता है


पिछला साल जब आया था

2021 थोड़ा डर लाया था

कोरोना की दशहत फैली थी चारों ओर

घरों में बंद बैठे थे लोग डरकर और

कितनों ने अपनों को खो दिया


अंतिम उनका दर्शन भी न हुआ

वक़्त तो रूकता नहीं वो भी बीत गया

बहुत बड़ा सबक पर सिखाकर गया

पैसे से बढ़कर है अपनों का स्नेह

और रखो स्वास्थ्य अपना अपडेट


टीकाकरण ने देश को दी इक उम्मीद

काका, चाची, बुआ, मामी सबने ले लिया

धैर्य और हिम्मत से इसको पार किया

2022 का हर्ष से स्वागत किया।


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