सफलता, मंजिल से पहले
सफलता, मंजिल से पहले
काम हो या न हो,
बंधी तो रहनी चाहिए आस।
सफलता से ज्यादा जरूरी है,
मन न हो जाये उदास।
बातें करो न करो ,
मुस्कान तो बिखेरा करो।
उजाला क्या होता है, पता नहीं तुम्हें तो ,
कम से कम न अँधेरा करो।
सोचा बहुत कि न लिखें तुम पर ,
हाथों को बार बार रोका।
ऊँची हस्तियों पर लिखते आये थे सदा ,
कहीं तुम्हें ऊँचे हो जाने का न हो जाये धोखा।
लगता है मकसद को बढ़ाना पड़ेगा ज़रा,
कुछ और तालों कि ढूंढनी होगी चाभी।
हम ये कर पायेंगे पता है,
सुधर जायेगा भविष्य हमारा भी तुम्हारा भी।
सुविचारों की ताकत आजमाएंगे तुम पर,
सफलता का मतलब सिखा ही देंगे
मंजिल से पहले ही दर्शन कराएँगे
बिना फल मिले संतुष्टि होती, बता ही देंगे।