घर घर में पूजा जाएगा
घर घर में पूजा जाएगा
शुद्ध हृदय रखने वाला ही, प्यार प्रभु का पाएगा
विनाशी आकर्षण में वो, खुद को ना उलझाएगा
सबका दिल वो जीतेगा, सबको अपना बनाएगा
सीमाओं से परे होकर, वो सबसे स्नेह निभाएगा
उसका जीवन सबके, कल्याण के काम आएगा
सत्यमार्ग अपनाकर वो, सबकी सराहना पाएगा
अंधेरों में भटके हुए को, ज्ञान प्रकाश में लाएगा
शक्तिहीनता मिटाकर, सबको बलवान बनाएगा
सागर समान सबके, अवगुण हृदय में समाएगा
अशान्त वातावरण में, फिर से शान्ति फैलाएगा
उसके दो शब्द सुनकर, हर कोई सुकून पाएगा
सर्वगुण सम्पन्न बनकर, औरों को गुणी बनाएगा
ऐसा शुद्ध हृदय वाला, संसार को स्वर्ग बनाएगा
देवी देवता बनकर वही, घर घर में पूजा जाएगा।