उन वीरों का सरहद से पैगाम आते
उन वीरों का सरहद से पैगाम आते
ये आंधी तूफानो से टकराते चलते हैं
कानों में हमारे सारे देश के नारे गूंजते हैं
उन वीरों का सरहद से पैगाम आते हैं ।।१।।
हंसता खेलता ये परिवारों को
दुश्मनों ने उजाड़ दिया
इस वतन का वचन उन वीरों ने
माॅॅं के ऑंचल छिपा दिया
हम कुुर्बान हो जाएंगे भारत माते के लिए
हम ऑंंच न आने देगें, हम सब वीर कसम खाते हैं
कानों में हमारे सारे देश के नारे गूंजते हैं
उन वीरों का सरहद से पैगाम आते हैं ।।२।।
वो बचपन वो गलियों की यादे आती हैं हमें
दिल में समाकर साथ ले के जाना हैं हमें
ऐ भारत मां तेरी गोद में हम सब वीरगति हो जाते हैं
कानों में हमारे सारे देश के नारे गूंजते हैं
उन वीरों का सरहद से पैगाम आते हैं ।।३।।