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Dhanraj Baviskar

Abstract

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Dhanraj Baviskar

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एक सहारा

एक सहारा

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तू ही सबकी जिंदगी, तू ही भरोसा हो

हाथ ऐसे ही पकड के चल, तू ही मेरी जन्नत हो


बरखा भी तुम्हे देखकर, रूख बदला करता है

हर पेज पर नाम तुम्हारा, लिखा करता है


प्यार की पर्र छडे, के तुम ही आसरा हो

तुम्ही इन ऑंखो का, एक सहारा हो


काजल लगा कर रात को, भी सुहाना बनाया

भीगा मौसम भी तेरा, आशिक बन गया


रिश्ते भी जुड़े है इस सांसो से, तुम्ही दिलासा हो

वक्त तुम्हारा चल रहा, यहीं जिंदगी का फैसला हो।


    


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