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सोनी गुप्ता

Abstract Inspirational

4.7  

सोनी गुप्ता

Abstract Inspirational

सफलता की राह

सफलता की राह

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कठिन रास्तों पर उन्हें खुशबू बनकर बिखरते हुए देखा है, 

हार ना मानते किसी मुश्किल में ऐसे लोगों को भी देखा है, 

थक जाते पांव उनके जब कभी भी पथरीली- सी राहों पर, 

सफलता को फूल बन उनकी राहों में, बिछते हुए देखा है।


सफलता के लिए मेहनत करने वाले अग्नि में तप जाते हैं, 

तपते हुए अंगारों में भी हमने सोना ,निकलते हुए देखा है, 

बिना संघर्ष किये जिंदगी में कुछ भी नहीं मिलता है जनाब, 

मेहनत करने वालों को हमने दर्द में मुस्कुराते हुए देखा है।


जरा सी चोट लगने से क्यों घबरा जाता है मनुष्य तेरा मन, 

हमने घायल पंछी को आकाश में पंख फैलाते हुए देखा है, 

मनुष्य का जीवन मिला है सौभाग्य से कुछ तो काम करो,

शांत दरिया को भी उफनती दरिया में बदलते हुए

देखा है।


सफलता उन्हीं को मिलती है जो गिर कर भी उठ जाते हैं, 

पतझड़ के उपवन को हमने सावन में बदलते हुए देखा है, 

जीवन के तप्त मरुस्थल में , हमको चलना सीखना होगा, 

उस तपन को भी हमने ठंडी की फुहार बनते हुए देखा है।


मत रोको उस उड़ान को उसमें मेहनत के पंख लगने दो, 

खुली आंखों से देखे हुए सपनों को सच होते हुए देखा है, 

माना कि कठिन होती है वो राह , सफलता को पाने की, 

टूटने ना देती ऐसी उम्मीद को ऐसी उड़ान को भी देखा है।


जिसने सफलता को पाने के लिए अपने कदम बढ़ाए हैं, 

उन कदमों को भी हमने ऊंचाइयों पर चढ़ते हुए देखा है, 

जिन्हें कुछ नया कर छूना है, सफलता का वो आसमान, 

उनके भीतर मेहनत के उस पंख को लगते हुए देखा हैI


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