सफलता का मंत्र
सफलता का मंत्र
सुदूर आसमान में टिमटिमाते तारे
आशा के वो दीपक हैं
जो हर आंख में जलते हैं
ना जाने कितने सपने
इन आंखों में पलते हैं ।
ये सपने तारों की तरह
छोटे बड़े हो सकते हैं
मगर इंसान को कुछ
कर गुजरने के लिए
प्रेरक पुंज बन जाते हैं ।
तारों की तरह ये सपने
कभी साकार होते नजर आते हैं
तो कभी ख्वाब की तरह भरमाते हैं
ख्वाब वो नहीं जो
बंद आंखों से देखे जाते हैं
खुली आंखों से देखे जाने वाले
ख्वाब ही क्रांति लेकर आते हैं ।
ये ख्वाब किसी को सोने कहां देते हैं
जब तक ये ख्वाब पूरे ना हों
ना रुकने देते हैं
ना विश्राम करने देते हैं
बस, निरंतर चलने का संदेश देते हैं ।
क्योंकि चलना ही जिंदगी है
जो रुक गया
समझो , झुक गया
जिसका आत्म विश्वास डिग गया
मतलब खुद से हार गया ।
इसलिए , तारों की तरह
टिमटिमाते रहना है हमेशा
जब तक जीवन है
तब तक प्रयत्न हैं
चरैवेति चरैवेति
सफलता का यही मूल मंत्र है ।।
