सोचा भी न था
सोचा भी न था
तुम्हारा नाम सुना था
तुम्हारी कहानियां सुनी थी
तुम्हारे चमत्कार सुने थे
तुम्हारे ब्यापकता के बारे में सुना था
तुम्हारे काम के बारे में सुना था
तुम्हारी तलाश में अनगिन लोगों को देखा था
साधु भी थे तुम्हारी तलाश में
संत भी थे तुम्हारी तलाश में
महात्मा भी ढूंढ रहे थे तुम्हें
और मैं तुम्हारे बारे सोच भर रहा था
तुम्हारे बारे में सुनी गई हर बात पर
विश्वास था मेरा
अभी मैं सोच ही रहा था कि
तुम आ गये थे
मुझे न तो तुम्हारे आने की खबर थी
न यहसास था
न कल्पना थी
और अब हालात ये है कि
विश्वास हो चला है तुम्हारे आने में
साथ साथ चलने में
कितना अद्भुत था वो लम्हा
जब तुम आये थे
कितना सहज था तुम्हारा आना
ऐसे तो कभी नहीं आये थे
अपनी किसी कहानी में,
और अब ये तो स्पष्ट है
तुम न आते तो मैं नहीं होता
तुम हो तो मैं हूँ
तुममें ही खोया हुआ
तुम्हारे ही साथ साथ चलता हुआ।