संयम
संयम
संयम ही शक्ति संयम ही सिद्धांत,
इसमें निर्दिष्ट जीवन का विधान।
संयम ही सत्य संयम ही सम्यक्,
संयम में लिप्त जीवंत कथानक।
संयम में समाविष्ट सभ्यताएं,
भाव की महिमा दर्शन की गरिमाऐं।
संयम में विज्ञान संयम में ही जिज्ञासा,
यथार्थ बोध कराती जीवन की हर आशा।
संयम ही प्राशचित संयम ही पश्चाताप,
इसमें ही चंद्र सा शीत और है सूर्य सा ताप।
संयम से सृष्टि जीवन का आविष्कार
संयम से अदम्य अपराजित का भी है संघार।
संयम से कृति संयम से ही आकृति,
इसके ही तो है आधीन पूरी प्रकृति।
संयम से ही मुक्ति जीवन की अभिव्यक्ति,
संयम परक ज्ञान से मिलती दिव्यदृष्टि।
संयम कभी है सरल कभी है विरल,
अनायास अकारण बनता है कभी गरल।
संयम ही शून्य संयम ही संन्यास,
सृजन इससे ही प्रकृति का विन्यास।
संयम से सौंदर्य रूप की अस्मिता,
सार्थक बन है यह जीवन की शुचिता।
संयम ही स्वर संयम से ही श्रृंगार,
प्रेम घृणा मैत्री सब है संयम के आविष्कार।
संयम में लिप्त जीवन का इतिहास,
संयम से निर्मित है जीवन की किताब।