संसार
संसार
साथी चल इस जहां से कहीं दूर जाएं,
जाकर एक खूबसूरत जहां हम बनाएं।
नफ़रत दिलों में न रहे कभी कोई भी,
प्रेम दिलों में कुछ इस तरह हम जगाएं।
रूखी सुखी भले खाने को मिले वहाँ,
पर सुकून की जिंदगी हम बसर कर जाएं।
न हो महल की जरूरत कोई भी हमको,
तेरे संग प्यार से हम झोंपड़ी में हम बिताएं।
चल साथी कही दूर हम चले यहाँ से,
स्वप्न का एक सुंदर संसार हम बसाएं।
नहीं कभी हो कड़वी जुबान हमारी,
मीठी बोली से दिलों को हम जीत पाएं।
संगीत की मीठी धुन सा सदा ही हम,
मिठास जीवन में आनंदित हम मिलाएं।
चल इस स्वार्थी दुनिया से दूर जाकर,
सुंदर सा स्वप्निल संसार हम बसाएं।
