हमारे क़िस्मत में तो सिर्फ़ मेहनत ही लिखा है क्यू कि हमारे नाम पे मजबूर मज़दूर लिखा। हमारे क़िस्मत में तो सिर्फ़ मेहनत ही लिखा है क्यू कि हमारे नाम पे मजबूर मज़द...
थके हारे मजदूरी मन को अब जल्द से जल्द राहत की सांस दिलाओ... थके हारे मजदूरी मन को अब जल्द से जल्द राहत की सांस दिलाओ...
हर रुकावट चीख़ती है ठोकरों की मार से, बेड़ियां खनका रहे हैं लोग मेरे देश के। हर रुकावट चीख़ती है ठोकरों की मार से, बेड़ियां खनका रहे हैं लोग मेरे देश के।
न हो महल की जरूरत कोई भी हमको, तेरे संग प्यार से हम झोंपड़ी में हम बिताएं। न हो महल की जरूरत कोई भी हमको, तेरे संग प्यार से हम झोंपड़ी में हम बिताएं।