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Padamnave Parashar

Abstract Inspirational

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Padamnave Parashar

Abstract Inspirational

चाँद अब तुम आम हो जाओ

चाँद अब तुम आम हो जाओ

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चाँद अब तुम आम हो जाओ 

प्रणय वीथिका से निकलो 

मजलूमों की झोंपड़ी में 

उतर आओ...


तुम रोशनी के पहरेदार 

सितारों की सैना के साथ मुस्तैद 

फिर भी अंधेरे की सेंधमारी

भूल सुधारो काम पर लग जाओ...


चांदनी को कर दो हिदायत विरह के गीत गाये

तप्त कामना की सेवा छोड़ो

थके हारे मजदूरी मन को अब 

जल्द से जल्द राहत की सांस दिलाओ...


उपमेय और उपमानों से बाहर निकलो 

ठोस ज़मीन पर आओ

सात आसमानों

शशिशेखरों को छोड़ो 

यथाशीघ्र चन्द्रमा 

मनसोजातः हो जाओ..



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