सहो मेरे भाइयो
सहो मेरे भाइयो
यह प्रश्न है मजबूत बने रहने का
अनबहे आंसुओं के
भार से दबे होने का
और हमेशा, हमेशा
याद रखने का कि तुम हो इंसान
अपने अंदर गहरे तक झांक कर
पाओगे आशा और हिम्मत के अंश
और गाओ, मेरे भाइयो और बहनो,
और गाओ, सूर्य साझा करेगा तुम्हारे जन्मदिन
जब तुम होगे सलाखों के पीछे
वसंत की नई घास
नुकीले बरछे गिनेंगे तुम्हारी उम्र
जब तुम शुरू करोगे नया साल
सहो मेरे भाइयों, सहो मेरी बहनों।
