कीलों के आर पार
कीलों के आर पार
कील गाढ़ दी गयी हैं
सड़कों के दोनों ओर
सिंहासन का प्रहसन है,
कानून -व्यवस्था का व्यवसाय
कदाचित यह कील सड़क पर नहीं
लोकतंत्र के सीने पर है
अधिकारों के ताबूत पर आखिरी ठप्पे की तरह
कीलों के आर-पार
चले जा रहे हैं दांव पर दांव
कुर्सी गिराने - कुर्सी पाने
विरासत बचाने
मूंछ के तांव को बरकरार रखने
सरों की गिनती के बदले
अपने अपने दाम पाने
कील तो वैसे भी गढ़ी ही है
साहूकारों के कर्ज की
काश्तकार के माथे पर
जमींदारों के लगान की चाबुक
जब नंगी पीठ पर पड़ती थी पुरखों के
तब कील का ही निशान बनता होगा शायद
मौसम की मार को 'एक्ट ऑफ गॉड' मानकर
जब लटका होगा कोई सूखे बबूल की डंगाल पर
तब उसकी चमड़ी से बाहर निकली हुई आंखों की पुतली
कील की तरह ही भेदती होगी मूकदर्शकों को
कीलों के आर-पार खेले जा रहे इस
शतरंज में वजीर तो पहचाने नहीं जा रहे
शायद कई वज़ीर , राजा की पीठ पर चढ़े हों
कई राजा की पीठ में छुरा घोंपने घात लगाए हों
कई पर्दे के पीछे से निर्देशन कर रहे हों
पर कुछ भी हो जाये
ये कील उनके लिए नहीं है
वे तो हमेशा कीलों के उस पार ही रहेंगे
ये कीलें तो प्यादों के लिए हैं
प्यादे जिनके जीने-मरने से बित्ते भर फर्क नहीं पड़ता
उनकी तो भर्ती होती है
किसी वज़ीर को सिंहासन तक
उनकी लाशों पर चढ़ाकर पहुंचाने के लिए।