संगत
संगत


जो घिरे रहें मवालियों से..
रखें उनसे आस।
बुरे वक्त में काम आएंगे..
डाले उनको घास।
पूरी गैंग आ जाएगी..
मिलाते ही दूरभाष।
बुरा वक्त जब आएगा..
तब नजर ना आएं ये खास।
दुष्ट संगत ही बुरा वक्त है..
बुद्धि का करते नाश।
इन दुर्जन के कारण ही..
सज्जन ना आए पास।