किसी माँ के आँचल के पल्लू में, सिसकी मारकर कर रोया हूँ मैं, आज के प्रेम रोग में रंग कर, अपनों क... किसी माँ के आँचल के पल्लू में, सिसकी मारकर कर रोया हूँ मैं, आज के प्रेम रोग ...