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PRATAP CHAUHAN

Abstract Inspirational

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PRATAP CHAUHAN

Abstract Inspirational

संघर्ष

संघर्ष

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जीवन है संघर्ष का दरिया,

           कश्ती को मजबूत बना दो।

निष्ठुर हो चाहे जग सारा,

          खुद को सबसे सरल बना दो।।

मन की पावनता की लय से,

            चाहत की एक लहर चला दो।

वाणी की शीतलता से तुम,

             पत्थर को भी फूल बना दो।।

निष्ठुर हो चाहे जग सारा,

           खुद को ही अब सहज बना लो।

जीवन है संघर्ष का दरिया,

           कश्ती एक मजबूत बना लो।।



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