संदेश
संदेश
नीलगगन
उमड़ घुमड़
धवल बादल
प्रदूषण रहित
कहें हँसकर
अब तो मन तुम्हारा भी
हो गया होगा स्वच्छ !!
चिंतन- मनन से
कम हुई होंगी इच्छाएँ
दर्प भी ....
छुपा होगा किसी कोने
बस एक ही चिंता होगी
हाथ धोए या नहीं
करोना का डर
हर पल हावी
सोते जागते
बस प्रभु ही
याद आते होंगे
करते होगे ..
तुम भी प्रार्थना
करोना को हराने का
ताबीज पाने की ।