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Kamal Purohit

Drama

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Kamal Purohit

Drama

समय

समय

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समय के न आगे तो कोई टिका है

सिकंदर भी आगे इसी के झुका है।


समय से बड़ा तो न बलवान कोई

नहीं ये किसी के लिए ही रुका है।


समय जो भी चाहे वही होता आया

समय ही मनुज का यहाँ पर खुदा है।


समय को समझना न आसान इतना

समझ ले तो जीवन ये आसाँ हुआ है।


समय जब चलाएगा जो अस्त्र अपने

कोई योद्धा हो वो न फिर बच सका है।


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