समय की कीमत
समय की कीमत
इतनी भी लापरवाही ठीक नहीं,
अपने जिम्मेदारियों से रूखसत ठीक नहीं,
जो कुछ भी करना है आज ही कर लीजिए,
सारी बातें कल पर छोड़ देना ठीक नहीं।
बीता हुआ समय दोबारा फिर,
पलट कर कहाँ वापस आता है,
समय हाथों से रेत की तरह,
फिसलता ही चला जाता है ।
ओ बंधुवर! समय की कीमत
को अच्छे से आप जान लीजिए,
सबकुछ समय पर करना है,
यही करने की बस ठान लीजिए।