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Arvina Ghalot

Tragedy

4  

Arvina Ghalot

Tragedy

समय का पहिया

समय का पहिया

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पानी को रंग बदलते देखा

समय का पहिया चलते देखा ।


गांवों को  सिसकते देखा

आसमां  को पिघलते देखा।

छप्पर को बहते देखा। 

पीड़ाओं का मंजर देखा।


पानी रंग बदलते देखा।

समय का पहिया चलते देखा।


बस्तियों को उजड़ते देखा।

अधनंगे बच्चों को देखा ।

भूख की व्याकुलता को देखा।

मदद की आस ने आंखों को पथराते देखा ।


पानी रंग बदलते देखा।

समय का पहिया चलते देखा।


सड़कों पर पानी का सैलाब है देखा।

दोनौं सी बहती गाड़ी को देखा।

बंधी आस को टूटते देखा ।

पानी को जीवन लेते देखा।


पानी रंग बदलते देखा।

समय का पहिया चलते देखा।


जीवन को हाथ मलते देखा।

मन में उठती व्याकुलता को देखा।

चीजें महगी जीवन सस्ता देखा।

कौन है अपना कौन पराया देखा


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