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Sumit. Malhotra

Abstract Action

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Sumit. Malhotra

Abstract Action

समय का चक्रव्यूह।

समय का चक्रव्यूह।

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हम आना तो हरगिज़ नहीं चाहते थे, 

प्यार की प्यास ले आई पास तुम्हारे। 


धोखा खा के बेवफ़ाई से हम तो हारे, 

तन्हाई का तोहफ़ा भेंट मिला है प्यारे। 


समय का चक्रव्यूह फँसाता हमें प्यारे, 

हमें बर्बाद करके हुए उनके वारे न्यारे।


महाभारत में अभिमन्यु फँसे थे बेचारे, 

वैसे ही हम धोखा खाते हर बार प्यारे। 


ज़िन्दगी चार दिन की चैन से जीना है, 

प्यार सच्चा झूठा भरोसा ना करना है।


समय का चक्रव्यूह रचे वो कौरव सारे, 

कलयुग में वो सभी समाज बन पधारे।


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